Market को हराना मुश्किल है, लेकिन खुद को समझकर चलना आसान है। Systematic बन जाइए, Profit अपने-आप टिकेगा।
आप Market को तो नहीं पकड़ सकते , लेकिन अपने पैसे को संभाल सकते हैं। चलिए शुरू करते हैं ” Smart Trader का Secret Plan – जानिए कैसे!”
Smart Capital Management & Trading Framework
पहले market सीखिए। कैसे मूव करती है। Equity Market से या ETF SWING TRADING से START करे।
एक फिक्स्ड कैपिटल तय करें (Fixed Capital Setup)-
किसी भी धोखे मे मत रहिए अपना कैलकुलेटर उठाइये और खुद देखिये। एक Businessman की तरह सोचिये।
मान लीजिए आपके पास ₹ 6 ,00,000 (छः लाख ) रूपए हैं ।
इसी से आपको ट्रेडिंग/इन्वेस्टिंग का पूरा सिस्टम चलाना है।
उस कैपिटल को 50-60 हिस्सों में बाँटिए (Position Sizing)
- ₹6 ,00,000 को 50 हिस्सों में बाँटें तो हर हिस्सा = ₹12,000.00
- ₹6 ,00,000 को 60 हिस्सों में बाँटें तो हर हिस्सा = ₹10,000.00
- इसका फायदा एक भी swing ट्रेड फेल हो जाए या होल्ड हो जाये तो सिर्फ उतने amount का return नहीं आएगा बाकि कैपिटल as it is है आपको किसी भी हाल मे capital बचानी है starting मे आपको कैपिटल प्रोटेक्ट करना सीखना है।
ना की स्टॉपलॉस लगा – लगा कर कैपिटल ही finish कर दो। और दूसरा future-option के चक्कर मे बिल्कुल नहीं पड़ना है। क्योंकि जरा आप सोचिये की मार्जिन लेकर trade करने से तो आपका कैपिटल ही साफ हो जायगा। आप ऐसा करना चाहोगे जब आपको Market की समझ का अनुभव ही नहीं है।
अगर मार्किट करते हुए आप प्रॉफिटेबल हो चुके हो year wise जैसै-
2022 -2023 =Share Market से Income
2023-2024= Share Market से Income
2024 -2025 =Share Market से Income
आप अपना रिपोर्ट कार्ड चेक करो।
यहॉं पर आपने रिस्क मैनेजमेंट सीखा। क्योंकि शेयर मार्किट Bank नहीं है जो आपको 6.5% , 7%, 7.5% या 8% return देगा। market आपको बहुत अधिक भी दे सकता है और आपका capital hold भी करा सकता है। इसलिए आप अपने जॉब के साथ बिज़नेस के साथ एजुकेशन के साथ मार्किट के उतार चढ़ाव को जीना सीखो जब इनवेस्टेड रहोगे तभी देख भी पाओगे। इसलिए थोड़ा थोड़ा पैसा Equity मे और asset class मे लगाते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि मार्किट downtrend मे भी हो तो गोल्ड – सिल्वर से आप का पोर्टफोलियो बैलेंस होता रहे। और अगर आपको कुछ पैंसो की जरुरत हो तो मार्किट गिरने पर भी आपको प्रॉफिट हो।
Investment Profit Calculation Table
| S.No | Investment Name | Invested Amount | Profit % | Gross Profit | Brokerage Charges (Buy + Sell) | Net Profit |
|---|---|---|---|---|---|---|
| 1 | XYZ Share 1 | ₹12,000 | 6.5% | ₹780 | ₹50 | ₹730 |
| 2 | XYZ Share 2 | ₹12,000 | 10% | ₹1,200 | ₹50 | ₹1,150 |
| 3 | XYZ Share 3 | ₹12,000 | 8% | ₹960 | ₹50 | ₹910 |
| 4 | XYZ Share 4 | ₹12,000 | 12% | ₹1,440 | ₹50 | ₹1,390 |
| 5 | XYZ Share 5 | ₹12,000 | 7% | ₹840 | ₹50 | ₹790 |
| 6 | XYZ Share 6 | ₹12,000 | 15% | ₹1,800 | ₹50 | ₹1,750 |
| 7 | XYZ Share 7 | ₹12,000 | 9% | ₹1,080 | ₹50 | ₹1,030 |
| 8 | XYZ Share 8 | ₹12,000 | 13% | ₹1,560 | ₹50 | ₹1,510 |
| 9 | XYZ Share 9 | ₹12,000 | 5% | ₹600 | ₹50 | ₹550 |
| 10 | XYZ Share 10 | ₹12,000 | 11% | ₹1,320 | ₹50 | ₹1,270 |
| 11 | XYZ Share 11 | ₹12,000 | 6% | ₹720 | ₹50 | ₹670 |
| 12 | XYZ Share 12 | ₹12,000 | 14% | ₹1,680 | ₹50 | ₹1,630 |
| 13 | XYZ Share 13 | ₹12,000 | 10.5% | ₹1,260 | ₹50 | ₹1,210 |
हर बार मुनाफा निकालने के बाद सिर्फ मुनाफा नहीं निकालेंगे, बल्कि उसे अगली ट्रेड में Capital + Profit के साथ फिर से लगाएंगे। इस प्रोसेस को Compounding Trading कह सकते हैं।
ऐसा करते -करते जब 365 दिन बीत जाएंगे तब RETURN % का पता चलेगा। अगर आप साल भर मे अपनी कैपिटल का 15 से २० % भी बना लेते हो तो भी बहुत अच्छा RETURN है। इस तरह आपको मार्केट समझ में आएगी।
अब देखो अगर आपको 6 लाख रूपए दिए जाएं तो आप 6 लाख एक ही शेयर मे इन्वेस्ट कर दो या 6 शेयर मे लेकिन ऐसा नहीं करते हैं आप 12000 -12000 के 50 शेयर भी BUY कर सकते हैं ये सिर्फ एक तरीका है रिस्क को मैनेज करने का। जिसके पास बहुत बड़ा कैपिटल है वो भी सबसे पहले रिस्क को मैनेज करता है।
हर कदम एक योजना के तहत उठाया जाता है।
52-वीक के लो के पास बॉटम फिशिंग एक मजबूत संकेत हो सकता है। मूविंग एवरेज और वॉल्यूम डेटा से एंट्री पॉइंट को कन्फर्म किया जाता है।
हमें ऐसे स्टॉक्स चाहिए जिनमें हाई लिक्विडिटी हो और फ्यूचर ग्रोथ की दमदार संभावना हो।
हर ट्रेड में Target तय करें (Profit Targeting)
- छोटे लेकिन रियलिस्टिक टारगेट रखें:
- Conservative: 6%
- Moderate: 10%
- Aggressive: 15%
- इससे एक बार target हिट होते ही आप discipline से बाहर नहीं जाएंगे।
Profit आने पर उसका कुछ हिस्सा निकालें (Partial Profit Booking)
इससे आप market को सब वापस नहीं दे रहे।
जैसे ही टारगेट हिट हो, कुछ हिस्सा निकाल लें
बाकी पूंजी को बढ़ने दें या कैपिटल में जोड़ें।
Asset Diversification जरूर करें (सिर्फ इक्विटी नहीं)
Asset Allocation का Rule:
- Capital का 10%–25% आप Gold/Silver ETFs या Sovereign Gold Bonds (SGB) में रख सकते हैं।
- इससे equity गिरती है तो gold में cushion मिल सकता है।
Example:
- ₹1,00,000 में से:
- ₹75,000 – Equity (Top 10–15 high volume, high growth stocks)
- ₹15,000 – Gold ETFs
- ₹10,000 – Silver ETFs या Liquid Fund
Hedging का ध्यान रखें (Risk Management)
- किसी volatile समय में या heavy position के समय Inverse ETF जैसे Hedge का उपयोग करें।
- या फिर sectors diversify रखें (IT + FMCG + Metal + Infra + Gold ETF) ताकि रिस्क संतुलित हो।
Capital Diary Maintain करें (Record Keeping)–
अपने पैसों की कहानी खुद लिखिए। हर निवेश, हर मुनाफा और हर सीख को ईमानदारी से नोट करिए — यही आपकी सबसे सच्ची रिपोर्ट कार्ड होगी।
जोखिम क्या है और आप इसे कैसे संभालते हैं?
जोखिम को समझदारी से और जानकारी के आधार पर संभालना जरूरी है। फैसले सोच-समझकर लिए जाते हैं, भावनाओं से नहीं।
आपकी निवेश रणनीति क्या है?
हर निवेश एक योजना के तहत किया जाता है। मैं ट्रेंड, वॉल्यूम और कंपनी के फंडामेंटल को ध्यान में रखती हूँ।
आपका निवेश का लक्ष्य क्या है?
मेरा उद्देश्य है – लंबे समय में स्थिर और मजबूत रिटर्न पाना।
आप निवेश से बाहर कब निकलती हैं?
मैं तभी बाहर निकलती हूँ जब मुझे लगे कि अब लाभ लेना या जोखिम कम करना सही होगा।
मुनाफा होने पर आप क्या करती हैं?
मुनाफा दोबारा निवेश करती हूँ ताकि वह आगे और बढ़ सके – यही कंपाउंड ग्रोथ की ताकत है।
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Contents
- 1 Smart Capital Management & Trading Framework
- 1.1 एक फिक्स्ड कैपिटल तय करें (Fixed Capital Setup)-
- 1.2 उस कैपिटल को 50-60 हिस्सों में बाँटिए (Position Sizing)
- 1.3 हर कदम एक योजना के तहत उठाया जाता है।
- 1.4 हर ट्रेड में Target तय करें (Profit Targeting)
- 1.5 Profit आने पर उसका कुछ हिस्सा निकालें (Partial Profit Booking)
- 1.6 Asset Diversification जरूर करें (सिर्फ इक्विटी नहीं)
- 1.7 Hedging का ध्यान रखें (Risk Management)
- 1.8 Capital Diary Maintain करें (Record Keeping)–
- 1.9 जोखिम क्या है और आप इसे कैसे संभालते हैं?
- 1.10 आपकी निवेश रणनीति क्या है?
- 1.11 आपका निवेश का लक्ष्य क्या है?
- 1.12 आप निवेश से बाहर कब निकलती हैं?
- 1.13 मुनाफा होने पर आप क्या करती हैं?