जब कोई ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) करता है, तो वह उसी दिन सौदा खरीदकर बेचने की योजना बनाता है। लेकिन अगर वह गलती से या मजबूरी में इंट्राडे पोजिशन को डिलीवरी में बदल देता है, तो इसे Intraday to Delivery Mistake कहा जा सकता है।
अगर आपने Intraday ट्रेड किया है और अब Delivery लेनी पड़ रही है, तो यह गलती आपको भारी पड़ सकती है। कई ट्रेडर्स इस स्थिति में फंस चुके हैं और बड़ा नुकसान झेल चुके हैं। इस आर्टिकल में जानिए इससे बचने के तरीके और सही फैसला लेने का तरीका।
Intraday ट्रेडिंग में तेज़ मुनाफे की चाह में कई लोग बड़ी गलती कर बैठते हैं – Intraday से Delivery में फंसना!
अगर आपने सोचा था कि दिन के अंदर सौदा खत्म कर देंगे, लेकिन अब Delivery लेनी पड़ रही है, तो यह आपके लिए महंगा साबित हो सकता है। कई ट्रेडर्स इसी स्थिति में फंस चुके हैं और भारी नुकसान झेल चुके हैं। इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि यह गलती क्यों होती है, इससे बचने का क्या तरीका है और सही रणनीति क्या होनी चाहिए। अगर आप भी Intraday से Delivery की उलझन में हैं, तो आगे पढ़ें और सही फैसला लें।
चलिए, एक उदाहरण से इसे और आसान तरीके से समझते हैं-
Intraday to Delivery Mistake
माना अगर आप example के लिए GOLDBEES ETF की UNITS buy करते हैं।
Qty | 6400 |
Action Order Type | Buy – Intraday |
Placed Price | MKT -73 .53 |
यहॉं पर आप गलती करते हो कि ORDER ध्यान से नहीं लगाते LIMIT ORDER लगाना है आपको MARKET ORDER नहीं। अगर आप LIMIT ORDER पर CLICK करते तो आपको GOLDBEES की PRICE 73.42 पर मिल जाती, PRICE JUMP नहीं होती।
Demat A/c Balance | 95000.00 |
Intraday Margin Facility | 457000 |
जब आप 6,400 यूनिट्स खरीदेंगे, तो आपके डिमैट अकाउंट में ₹4,57,000 दिखेगा, जबकि आपके पास वास्तव में केवल ₹95,000 ही होंगे। यह इंट्राडे मार्जिन फैसिलिटी के कारण संभव होता है, जहां ब्रोकरेज फर्म आपको लीवरेज देती है।
अगर आप इसे डिलीवरी में बदलना चाहते हैं, तो आपको लगभग ₹112 चार्ज देना होगा। समस्या ₹112 चार्ज की नहीं है, बल्कि असली दिक्कत यह है कि डिलीवरी लेने के लिए आपके अकाउंट में ₹4,57,000 होने जरूरी हैं। अगर रकम पूरी नहीं हुई, तो डिलीवरी नहीं मिलेगी!

Intraday से Delivery लेने की मजबूरी क्यों बनती है?
Valid Points (Retailers और Traders के लिए)
- Margin Call
- Auto-Conversion by Broker
- Stock Hitting Circuit Limit
- Wrong Order Placement
- Brokerage Policy Restrictions
- High Volatility in Stock
- Settlement Rules T+1
Margin Call–अगर इंट्राडे में भारी नुकसान होता है और ब्रोकरेज फर्म मार्जिन रिकवरी के लिए डिलीवरी लेने को मजबूर कर देती है।
Auto-Conversion by Broker-कई बार, अगर आपने इंट्राडे पोजिशन क्लोज़ नहीं की, तो ब्रोकर इसे खुद ही डिलीवरी में बदल देता है।
Stock Hitting Circuit Limit-अगर स्टॉक अपर या लोअर सर्किट हिट कर जाए और कोई खरीदार/बेचने वाला न मिले, तो पोजिशन ऑटोमेटिकली डिलीवरी में बदल जाती है।
Wrong Order Placement–कई नए ट्रेडर्स गलती से MIS (Intraday Order) की जगह CNC (Delivery Order) चुन लेते हैं और मजबूरी में होल्ड करना पड़ता है।
Brokerage Policy Restrictions-कुछ ब्रोकर्स इंट्राडे में लीवरेज देते हैं लेकिन पॉलिसी के तहत जबरन डिलीवरी लेने का ऑप्शन दे सकते हैं।
High Volatility in Stock-अचानक बड़े मूवमेंट की वजह से कई बार ट्रेडर्स पोजिशन होल्ड करने पर मजबूर हो जाते हैं, जिससे डिलीवरी लेनी पड़ती है।
T+1 Settlement Rules-कई बार, इंट्राडे में एक्सपेक्टेड प्रॉफिट नहीं मिलता और ट्रेडर्स वॉल्यूम की कमी के चलते डिलीवरी लेने का फैसला कर लेते हैं।
अगर आपके Demat account मे पैसा नहीं है, स्टॉक गिर रहा है या trade आपके plan के opposite चल रहा है या इंट्राडे प्लान था या stop loss के बिना trade चल रहा है – तो तुरंत सौदा काट देना सही रहेगा।
क्या आपको वाकई Delivery लेनी चाहिए या सौदा काट देना चाहिए?
जब आपको डिलीवरी लेनी चाहिए:
- स्टॉक फंडामेंटली स्ट्रॉन्ग हो
- मार्केट ट्रेंड पॉजिटिव हो
- आपके पास पूरा फंड हो
- T+1 सेटलमेंट को समझते हों
जब आपको सौदा काट देना चाहिए (Exit कर लेना चाहिए)
- अगर स्टॉक में तेज गिरावट दिख रही हो
- आपके पास पूरा पैसा न हो
- इंट्राडे ट्रेड की योजना ही थी
- बाजार में अनिश्चितता ज्यादा हो
Intraday to Delivery Mistake से बचने के 5 तरीके

हमेशा स्टॉप लॉस लगाएं। अगर स्टॉक गिर गया तो आपको भारी नुकसान हो सकता है।
मार्जिन और लीवरेज की सही जानकारी रखें।
इंट्राडे को समय पर एग्जिट करें।
ब्रोकरेज पॉलिसी और सेटलमेंट नियमों को समझें।
अपने Demat Account के बैलेंस को चेक करके ही ट्रेड लें।
Intraday vs Delivery Trading Comparison
Feature | Intraday Trading | Delivery Trading |
Meaning | एक ही दिन में share खरीदना और बेचना | Share खरीदकर कई दिनों या महीनों तक hold करना |
Time Duration | उसी दिन (T+0) | T+1 या उससे अधिक |
Risk | अधिक (Price Volatility) | कम (Long-Term Stability) |
Margin | High margin पर ट्रेडिंग होती है जैसे आपके account मे equity etf buying के लिए केवल 95000 हैं पर आपका ब्रोकर आपके पैसे को margin देकर लगभग 4,57,000 तक बड़ा सकता है | Full payment आपके पास होनी चाहिए |
Profit/Loss | बहुत जल्दी | अधिक time तक hold करने पर |
Brokerage Charges | ज्यादा (बार-बार ट्रेडिंग के कारण) | कम (कम ट्रेडिंग) |
Fundamental vs Technical | Technical Analysis आना चाहिए | Fundamental Analysis और Technical Analysis आना चाहिए |
Example | Market hours मे share खरीदकर उसी दिन sale कर देना | 6 महीने या 1 साल तक share रखना या कुछ दिन तक hold करना। profit आने पर book करना। नहीं आने पर hold करना |
अगर मैं इंट्राडे ट्रेड करता हूँ और सौदा बंद करना भूल जाता हूँ तो क्या होगा?
तो आपका ब्रोकर इसे ऑटो-कन्वर्ट कर सकता है और डिलीवरी में बदल सकता है। लेकिन इसके लिए आपके अकाउंट में पूरे फंड का होना जरूरी है।
अगर मेरे पास डिलीवरी लेने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं, तो क्या होगा?
ब्रोकर इसे ऑटो-स्क्वेयर ऑफ कर सकता है या आपको पेनल्टी लग सकती है। इससे नुकसान भी हो सकता है।
क्या मुझे जबरदस्ती डिलीवरी लेनी चाहिए अगर शेयर गिर रहा हो?
आपका मकसद सिर्फ इंट्राडे ट्रेडिंग था, तो डिलीवरी लेना खतरनाक हो सकता है। आप समय रहते सौदा काट दें।
क्या डिलीवरी लेने के बाद मुझे कोई अतिरिक्त चार्ज देना होगा?
हां, डिलीवरी ट्रेड पर आपको स्टांप ड्यूटी, डीमैट चार्जेस और ब्रोकरेज देना होगा। अगर पूरा पैसा नहीं है तो इंटरेस्ट चार्जेज भी ब्रोकर करते हैं आजकल
अगर गलती से डिलीवरी में बदल गया तो इसे वापस इंट्राडे में बदल सकते हैं?
नहीं, एक बार डिलीवरी में बदलने के बाद आप उसे उसी दिन इंट्राडे में नहीं बदल सकते। अब आपको इसे बेचने के लिए T+1 या T+2 सेटलमेंट का इंतजार करना होगा।
Conclusion
समझदारी से ट्रेड करें, नियमों को समझें और गलती करने से बचें, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे! इसलिए, इंट्राडे और डिलीवरी का सही मतलब समझें।
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Disclaimer
कोई भी निवेश सोच-समझकर और अपनी जिम्मेदारी पर करें। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें। यह कंटेंट केवल जानकारी के उद्देश्य से है और निवेश का सुझाव नहीं है। सही निर्णय आपको वित्तीय स्वतंत्रता (फाइनेंशियल फ्रीडम) की ओर ले जा सकता है। मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपकी फाइनेंशियल जर्नी में मददगार साबित होगी।
Contents
- 1 Intraday to Delivery Mistake
- 2 Intraday से Delivery लेने की मजबूरी क्यों बनती है?
- 3 क्या आपको वाकई Delivery लेनी चाहिए या सौदा काट देना चाहिए?
- 4 Intraday to Delivery Mistake से बचने के 5 तरीके
- 5 Intraday vs Delivery Trading Comparison
- 5.1 अगर मैं इंट्राडे ट्रेड करता हूँ और सौदा बंद करना भूल जाता हूँ तो क्या होगा?
- 5.2 अगर मेरे पास डिलीवरी लेने के लिए पूरे पैसे नहीं हैं, तो क्या होगा?
- 5.3 क्या मुझे जबरदस्ती डिलीवरी लेनी चाहिए अगर शेयर गिर रहा हो?
- 5.4 क्या डिलीवरी लेने के बाद मुझे कोई अतिरिक्त चार्ज देना होगा?
- 5.5 अगर गलती से डिलीवरी में बदल गया तो इसे वापस इंट्राडे में बदल सकते हैं?