What is the Crude Oil share price target for 2025? Check latest analysis, investment ideas, and short-term to long-term outlook.
क्या आपने कभी सोचा है कि जब पेट्रोल-डीज़ल महंगा होता है तो हर चीज़ क्यों महंगी हो जाती है – सब्ज़ी से लेकर हवाई टिकट तक?
क्योंकि Crude Oil सिर्फ एक कमोडिटी नहीं, ये पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था की नब्ज है। Crude oil की कीमतें शेयर बाज़ार से लेकर आपके घर का बजट तक हिला देती हैं।
क्या आप एक जागरूक निवेशक हैं? और अगर आप Crude Oil की चाल, global news, और technical chart को समझते हैं, तो crude oil के बारे मे जानकारी रखना बेहद जरूरी है। इसलिए Crude Oil Share Price Target 2025 जानना, और वर्तमान मे crude oil क्या कर रहा है चलिए इसे समझते हैं।
आज हम अपने आर्टिकल मे crude oil और उसका technical analysis जानने की कोशिश करेंगे क्योंकि Crude Oil एक volatile commodity है।
भारत crude oil का बड़ा importer है। crude oil की कीमतों से व्यापार घाटा Trade Deficit ( डेफिसिट), डॉलर-रुपया रेट, महंगाई (Inflation) इन सभी पर असर पड़ता है।
Trade Deficit (व्यापार घाटा)
ज़रा सोचिए, अगर आपके घर की कमाई ₹50,000 है लेकिन महीने का खर्चा ₹60,000 हो जाए तो क्या होगा? धीरे-धीरे उधार बढ़ता जाएगा।
ठीक यही हाल देश का होता है, जब वो जितना कमाता है (Export), उससे ज़्यादा बाहर से सामान खरीद लेता है (Import)। इसे ही कहते हैं Trade Deficit और जब ये लगातार बढ़ता है, तो हमारी अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डालता है। Trade Deficit = Import > Export
Crude Oil और डॉलर-रुपया रेट
भारत अपनी ज़रूरत का लगभग 85% Crude Oil विदेशों से खरीदता है। अब अगर Crude Oil महँगा हो गया, तो हमें उतना ही तेल महंगे दामों पर खरीदना पड़ेगा। , देश को ज़्यादा डॉलर देने पड़ेंगे, Import का खर्चा बढ़ेगा, और Trade Deficit और बुरा हो जाएगा।
जब हम विदेशों से crude oil import करते हैं तो payment कैसे करते हैं ? हम dollar मे payment करते हैं जिससे देश को ज़्यादा डॉलर देने पड़ते हैं। जिससे होगा क्या ? dollar की माँग बड़ जायगी और रुपया कमजोर हो जयगा।
Crude Oil और Inflation
Crude Oil और महंगाई (Inflation)– अब समझते हैं महंगाई (Inflation) से इसका क्या relation है – पेट्रोल-डीजल, ट्रांसपोर्ट, प्लास्टिक, दवाइयाँ, पेंट, खाद, केमिकल्स आदि सभी product मे crude oil का use होता है। अब अगर तेल महँगा हो गया तो माल ढोने का खर्च बढ़ेगा, हर चीज़ का दाम बढ़ेगा (दूध, सब्जी, किराना) Consumer के लिए सब कुछ महंगा हो जाएगा। इसे ही कहते हैं महंगाई (Inflation)
WTI vs Brent Crude

WTI (West Texas Intermediate) और Brent Crude Oil आपने बहुत सुना होगा ये नाम – ये दोनों ही crude oil के बेंचमार्क हैं। यानी दुनिया भर में तेल की कीमतें इन्हीं को देखकर तय की जाती हैं। लेकिन इन दोनों में कुछ ज़रूरी अंतर हैं जो आपको जानना चाहिए।
WTI (West Texas Intermediate) -Texas (टेक्सास) अमेरिका (USA) का एक बड़ा राज्य है। यह अमेरिका के दक्षिणी भाग में स्थित है और ये दुनिया के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। यहां से निकाला गया क्रूड हल्का (light) और मीठा (sweet) होता है — इसलिए ये high quality माना जाता है WTI Crude को टेक्सास से ही पाइपलाइन के ज़रिए अमेरिका के बाकी हिस्सों तक भेजा जाता है WTI को ही हम TRADING मे US OIL कहते हैं। WTI ज़्यादा US Traders के लिए मायने रखता है
WTI (West Texas Intermediate) |
Source | अमेरिका (टेक्सास) |
Quality | Light, Sweet |
Refining | अमेरिकी रिफाइनरियों के लिए बेहतर |
Market | अमेरिका में ट्रेड होता है |
कीमत पर असर | अमेरिका की घरेलू सप्लाई और डिमांड का असर पड़ता है |
बेंचमार्क रोल | अमेरिका का बेंचमार्क ऑयल |
WTI | US Standard |
Brent Crude – यूरोप और इंटरनेशनल बेंचमार्क क्रूड Brent = Global Standard आमतौर पर इंटरनेशनल लेवल पर जब कोई “Crude Oil” कहता है, तो वो Brent की बात कर रहा होता है।क्योंकि Brent सबसे ज्यादा देशों द्वारा उपयोग किया जाने वाला बेंचमार्क है। उत्तरी सागर (यूरोप) – UK, Norway के बीच थोड़ा भारी, फिर भी अच्छा (Light & Sweet) अंतरराष्ट्रीय रिफाइनिंग के लिए बेहतर दुनियाभर में ट्रेड होता है
रूस से भारत में जो क्रूड ऑयल आता है, वो कौन-सा होता है?
Urals Crude |
यह रूस का सबसे प्रसिद्ध एक्सपोर्ट ग्रेड क्रूड ऑयल है। |
Urals Crude को एक “medium sour crude” माना जाता है |
Medium = न ज़्यादा हल्का, न ज़्यादा भारी |
Sour = इसमें सल्फर की मात्रा थोड़ी अधिक होती है |
इसकी कीमत आमतौर पर Brent से सस्ती होती है, इसलिए भारत जैसे देश इसे खरीदते हैं। |
भारत को डिस्काउंट पर मिलता है |
भारत-Russia में रुपए/रूबल में भुगतान |
भारत की कई रिफाइनरियाँ sour oil प्रोसेस कर सकती हैं |
OPEC क्या है? (What is OPEC?)
OPEC का पूरा नाम है: Organization of the Petroleum Exporting Countries (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन)

Establishment: 14 September 1960 , Headquarters: Vienna (वियना) , Austria (ऑस्ट्रिया)
Objective (उद्देश्य) :-
तेल उत्पादन और कीमत को स्थिर करना (To stabilize oil production and prices) |
सदस्य देशों के हितों की रक्षा करना (To protect the interests of member countries) |
तेल निर्यात करने वाले देशों के बीच सहयोग बढ़ाना (To promote cooperation among oil-exporting countries) |
OPEC कैसे काम करता है?
हर महीने या तिमाही में OPEC की बैठक होती है। |
सदस्य देश तय करते हैं कितना तेल निकाला जाएगा (Production), कितना Export होगा। |
इसका असर तेल की कीमतों पर सीधा पड़ता है। |
OPEC+ = OPEC देश (12) + कुछ और बड़े तेल उत्पादक देश जैसे
रूस |
मैक्सिको |
कजाकिस्तान |
मलेशिया |
OPEC+ का मकसद: ग्लोबल सप्लाई को कंट्रोल करना ताकि कीमतें स्थिर रहें।
OPEC का असर Crude Oil की कीमतों पर (OPEC Actions and Their Impact on Oil Market)
Situation | Impact |
OPEC cuts production (उत्पादन घटा) | Oil prices rise (तेल महँगा) |
OPEC increases production (उत्पादन बढ़ा) | Oil prices may fall (तेल सस्ता) |
Uncertainty in OPEC meeting (बैठक में अनिश्चितता) | Market volatility (बाजार में उतार-चढ़ाव) |
Crude Oil Technical Analysis (अप्रैल 2025)
सबसे पहले चार्ट PLOT करते हैं।

Trend-Monthly,Weekly
Date- 07.04.2025
Close of the period -$62.27
(04.04.2025)
Monthly | |
MACD | Downward Tick |
RSI | 38.25 |
Weekly | |
MACD | Downward Tick |
RSI | 32.88 |
Trend- Bearish (कमज़ोरी का संकेत)
इसका मतलब है कि फिलहाल मार्केट में buyers की ताकत कम है, और अगर दबाव बना रहा तो RSI oversold zone में जा सकता है।
Entry Chart -daily time frame
क्या चल रहा है अभी?
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट जारी है। price अपने previous support के पास है March 2021 में closing price $57.39 थी — यानी एक महत्वपूर्ण सपोर्ट ज़ोन के बेहद करीब है
DAILY RSI | 26.87 (OVERSOLD) |
STOCHASTIC | 9.97 (NCO) |
Trend-SELL (Monthly, Weekly)-MACD
Entry Chart -SELL (Daily)–RSI, Stochastic
Candlestick Pattern
RED CANDLE

Volume
MORE THAN AVERAGE

ये sell-off high volume के साथ हुआ है, जो trend में strength दिखाता है।
Support & Resistance Levels

Zone | Level (Approx) |
Immediate Support | 58.97 – 57.39 |
Strong Support | 51.46 (RSI oversold) |
Resistance | 72.22 Recent breakdown zone |
Strong Resistance | 80.73 Breakdown start area |
Crude Oil Share Price Target 2025
Outlook for April 2025:
- अगर $57.39 का सपोर्ट टूटता है, तो अगला मजबूत सपोर्ट $57.39 और $51.46 के बीच है।
- वहीं अगर recovery आती है, तो पहले $72.22 और फिर $81.73 की तरफ रुकावट होगी।
- Fundamental factors जैसे OPEC फैसला, US inventory data और Middle East tension भी भाव में तेज़ उतार-चढ़ाव ला सकते हैं।
चलिए इसे समझते हैं और फिर तय करते हैं कि Long लेना चाहिए, Short करना चाहिए या Wait & Watch करना चाहिए।
Price support पर है इसमे हम क्या देखेंगे – कोई bullish candle बने तो इसका मतलब है price support ले रही है। पर candle बनना ही काफी नही होता क्या कोई चार्ट पैटर्न भी बन रहा है जैसे डबल बॉटम।
जब तक indicator possitive crossover नहीं देते या RSI DIVERGENCE नहीं बनता तब तक हम BULLISH ENTRY के लिए WAIT करेंगे।
सिर्फ सपोर्ट पर प्राइस आ जाना ही Long पोजीशन के लिए काफी नहीं होता — हमें confirmation चाहिए, और वो confirmation कई चीज़ों से मिलती है।
जब प्राइस Support Zone पर हो, तो ये बातें ज़रूर चेक करें
Bullish Candlestick Pattern बने:
जैसे कि: Hammer, Bullish Engulfing, Morning Star |
लेकिन सिर्फ कैंडल देख कर entry मत करें — ये सिर्फ पहला संकेत है। |
Chart Pattern बन रहा हो:
जैसे: Double Bottom, Inverse Head & Shoulders, Falling Wedge |
ये patterns दिखाते हैं कि प्राइस रिवर्स हो सकता है। |
Indicators का Confirmation हो:
RSI Positive Divergence: अगर प्राइस lower low बना रहा है लेकिन RSI higher low, तो reversal का strong signal है। |
MACD Positive Crossover: MACD line signal line को ऊपर से काटे — ये trend reversal दिखाता है। |
Volume Confirmation: सपोर्ट पर बाउंस के साथ volume बढ़ता है तो और भी strong confirmation मिलता है। |
Entry Strategy (Support Zone पर):
स्टेप | चेक करना है |
---|---|
Step 1 | क्या price support zone पर है? (जैसे 58.97 – 57.39) |
Step 2 | क्या कोई bullish candle बन रही है? |
Step 3 | क्या कोई reversal chart pattern बन रहा है? (जैसे double bottom) |
Step 4 | क्या RSI divergence या MACD crossover हुआ है? |
Step 5 | क्या volume बढ़ा है bounce के साथ? |
अगर ये 3 या उससे ज्यादा conditions मिलती हैं, तभी Long entry के बारे मे आप सोच सकते हैं।
और अगर ये confirmations नहीं मिलते?
तो Simple Strategy: Wait & Watch — क्योंकि बिना confirmation के entry लेना मतलब तुक्का लगाना है, और trading में तुक्के नहीं चलते।
Crude Oil की कीमतों में उतार-चढ़ाव किन कारणों से होता है?
Crude Oil के रेट कई चीज़ों पर निर्भर करते हैं:
OPEC का Production Decision |
जियोपॉलिटिकल Tensions (जैसे – Israel-Gaza, Russia-Ukraine War) |
अमेरिका की सप्लाई और इन्वेंटरी रिपोर्ट |
Global Demand (जैसे – Recession, Growth) |
डॉलर की मजबूती/कमज़ोरी |
Weather Impact और Natural Disasters |
Crude Oil में Investment कैसे करें?
Crude Oil में सीधे तेल खरीदकर निवेश नहीं किया जाता। बल्कि आप इन तरीकों से निवेश कर सकते हैं:
- MCX Futures Contract (Short Term ट्रेडिंग)
- Crude Oil ETFs
- Commodities Mutual Funds
- Crude से जुड़ी कंपनियों के शेयर (जैसे – ONGC, IOC, Reliance)
- Global CFDs via Brokers
कौन-कौन से सेक्टर क्रूड आयल पर निर्भर हैं?
Energy, Transport, Fertilizer, और Chemicals जैसे कई सेक्टर Crude Oil पर निर्भर हैं।
भारत कितना % क्रूड आयल इम्पोर्ट करता है ?
भारत में लगभग 85% Crude Oil विदेशों से आयात (Import) किया जाता है।
Brent Crude और WTI Crude में क्या फर्क है?
Brent यह North Sea (यूरोप) से आता है, Global Benchmark के तौर पर इस्तेमाल होता है, दुनिया के लगभग 2/3 Crude Oil Contracts Brent पर आधारित होते हैं।
WTI Crude- यह अमेरिका (Texas) से आता है, U.S. में प्रमुख बेंचमार्क है, WTI हल्का (light) और मीठा (sweet) होता है, इसलिए रिफाइन करना आसान होता है।
क्या Crude Oil के दाम गिरने से आम आदमी को फायदा होता है?
हाँ, होता है।
Crude Oil सस्ता होने से पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें घटती हैं।
Transport, Food और Manufacturing की कॉस्ट कम होती है।
इससे महंगाई पर कंट्रोल आता है और लोगों को राहत मिलती है।
Conclusion – आशा करती हूँ कि मेरा यह प्रयास आपके टेक्निकल एनालिसिस के सफर में थोड़ी सी मदद कर पाया होगा। । मेरा उद्देश्य केवल यह है कि आप बाज़ार को बेहतर समझें और अपने निर्णय सोच-समझकर लें।
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Disclaimer– इस लेख में बताए गए सपोर्ट और रेसिस्टेंस स्तर, चार्ट पैटर्न, और टेक्निकल इंडिकेटर्स केवल अध्ययन और जानकारी के उद्देश्य से साझा किए गए हैं। कोई भी ट्रेडिंग निर्णय लेने से पहले स्वयं तकनीकी विश्लेषण करें और बाज़ार की परिस्थितियों को समझें। निवेश या ट्रेडिंग में पूंजी जोखिम शामिल होता है, इसलिए किसी भी पोज़िशन में प्रवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श ज़रूर लें। हमारा उद्देश्य केवल आपको शिक्षित करना है, न कि किसी प्रकार की खरीद या बिक्री की सिफारिश देना।
Contents
- 1 Trade Deficit (व्यापार घाटा)
- 2 Crude Oil और डॉलर-रुपया रेट
- 3 Crude Oil और Inflation
- 4 WTI vs Brent Crude
- 5 OPEC क्या है? (What is OPEC?)
- 6 Crude Oil Technical Analysis (अप्रैल 2025)
- 7 Trend-Monthly,Weekly
- 8 Entry Chart -daily time frame
- 9 Candlestick Pattern
- 10 Volume
- 11 जब प्राइस Support Zone पर हो, तो ये बातें ज़रूर चेक करें
- 12 Entry Strategy (Support Zone पर):
- 13 और अगर ये confirmations नहीं मिलते?
- 14 Crude Oil की कीमतों में उतार-चढ़ाव किन कारणों से होता है?
- 15 Crude Oil में Investment कैसे करें?