H-1B Visa Fee Hiked to $100,000 in 2025 – Impact on Indian IT Companies and Skilled Workers

अमेरिका ने H-1B वीज़ा की फ़ीस को 21 सितंबर 2025 से $100,000 कर दिया है, जिससे पूरी दुनिया के टेक और फ़ाइनेंस सेक्टर में हलचल मच गई है।

माना USD = 88.09 Indian Rupee

100000 X 88.09= 88,09000.00

वीज़ा फ़ीस (USD)एक्सचेंज रेट (1 USD = ₹88.09)भारतीय रुपये (INR)
$100,000₹88.09₹88,09,000 (लगभग 88 लाख)

यह फैसला खास तौर पर भारतीय आईटी कंपनियों के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि वे अपने हज़ारों कर्मचारियों को अमेरिका भेजने के लिए H-1B वीज़ा पर निर्भर रहती हैं।

अमेरिकी सरकार का कहना है कि इस कदम से घरेलू वर्कर्स को सुरक्षा मिलेगी,

लेकिन इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे माइक्रोसॉफ़्ट, जेपी मॉर्गन, इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी कंपनियों के ग्लोबल हायरिंग खर्चे बढ़ जाएंगे। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि यह नया नियम क्या है, किन पर लागू होगा और भारतीय प्रोफेशनल्स पर इसका क्या असर पड़ेगा।

सच क्या है

नया नियम लागू हो गया है
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक प्रोक्लेमेशन (अध्यक्षीय घोषणा) साइन किया है जिससे नए H-1B वीज़ा आवेदन (new petitions) के साथ US सरकार को एक-बार का $100,000 शुल्क देना होगा, 21 सितंबर 2025 की सुबह 12:01 (ईस्टर्न समय) के बाद।

किस पर लागू / किस पर नहीं लागू

  • यह शुल्क सिर्फ नए आवेदन (new petitions) पर लागू होगा, पुराने वीज़ा धारकों, renewals या जो पहले ही आवेदन कर चुके हैं उनके लिए नहीं।
  • यह एक-बार का शुल्क है, बार-बार (annual) नहीं है।

फीस का उद्देश्य

इस नए नियम का मकसद H-1B वीजा कार्यक्रम के कुछ “abuses” (दुरुपयोग) को कम करना, अमेरिका के कुशल कामगारों को प्राथमिकता देना, और विदेशी कुशल कामगारों के वर्कर से प्रभावित घरेलू कामगारों की स्थिति को सुधारना बताया गया है।

कुछ चीजें स्पष्ट हैं / खुली हैं

  • अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कुछ विशेष केस जैसे “national interest waiver” वाले मामले, या कुछ उद्योग/कंपनियों के लिए कोई छूट हो सकती है या नहीं।
  • यह फीस बढ़ोतरी किस तरह से लागू होगी (पूरी लागत किस तरह से) — अन्य दाख़िले शुल्कों / प्रक्रिया शुल्कों के साथ — यह चीजें अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं।

भारतीय प्रोफेशनल्स पर असर

  • अमेरिकी जॉब का सपना और महँगा
  • सिर्फ़ बड़ी कंपनियों या हाई-सैलरी पैकेज वालों को फायदा
  • मिड-लेवल और स्टूडेंट्स के लिए चुनौती

भारतीय आईटी सेक्टर पर असर

  • ऑनशोर (अमेरिका) की बजाय ऑफशोर (भारत) हायरिंग बढ़ेगी
  • अमेरिका जाने वाले इंजीनियर्स की संख्या घटेगी
  • कंपनियाँ नए बिज़नेस मॉडल तलाशेंगी

आगे का रास्ता (Future Outlook)

  • क्या यह नियम स्थायी रहेगा या बदल सकता है?
  • भारतीय युवाओं को क्या तैयारी करनी चाहिए
  • ग्लोबल टैलेंट मूवमेंट का नया दौर

निष्कर्ष (Conclusion)

  • यह फैसला अमेरिका और भारत दोनों के लिए गेम-चेंजर
  • कंपनियों और प्रोफेशनल्स को नई रणनीति अपनानी होगी
  • ग्लोबल लेवल पर स्किल्ड वर्कफोर्स का भविष्य बदल सकता है
H-1B Visa Fee Hiked to $100,000 in 2025 – Impact on Indian IT Companies and Skilled Workers

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