FII-DII Activity 18 July 2025: घरेलू निवेशकों ने दिखाई दमदारी, FII ने किया सीमित निवेश


18 जुलाई 2025 को घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने ₹2,100 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी की, जबकि विदेशी निवेशकों (FII/FPI) ने केवल ₹374 करोड़ का नेट इन्वेस्टमेंट किया। आइए समझते हैं इस डेटा का मतलब और बाजार पर इसका क्या असर हो सकता है। FII-DII Activity 18 July 2025 को समझते हैं

FII-DII Activity 18 July 2025: घरेलू निवेशकों ने दिखाई दमदारी, FII ने किया सीमित निवेश FII-DII Activity 18 July 2025

क्या दिखाते हैं आज के आंकड़े?

CategoryBuy Value (₹ Cr)Sell Value (₹ Cr)Net Value (₹ Cr)
DII14,451.1812,347.67 2,103.51
FII/FPI15,430.8515,056.11 374.74

इस डेटा का मतलब क्या है?

DII (घरेलू संस्थागत निवेशक):

DII ने 18 जुलाई को ₹2,100 करोड़ से अधिक की शुद्ध खरीदारी की है। ये इस बात का संकेत है कि भारतीय निवेशक देश की इकॉनमी और मार्केट पर भरोसा कर रहे हैं। बाजार में गिरावट के बीच DII का यह कदम एक सकारात्मक सिग्नल है।

FII (विदेशी निवेशक):

FII ने ₹15,430 करोड़ की खरीद और ₹15,056 करोड़ की बिक्री की। कुल मिलाकर नेट इन्वेस्टमेंट ₹375 करोड़ रहा — यानी यह निवेश बहुत बड़ा नहीं है लेकिन नेगेटिव भी नहीं है, जो एक राहत की बात है।

बाजार पर इसका क्या असर हो सकता है?

  • जब DII इतनी मजबूती से खरीदते हैं, तो यह दर्शाता है कि लो लेवल्स पर वैल्यू दिखाई दे रही है
  • FII का फ्लैट रुख बताता है कि वो फिलहाल सतर्क हैं, लेकिन पूरी तरह मार्केट से बाहर नहीं हो रहे।

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

  1. घबराएं नहीं, क्योंकि घरेलू निवेशक मार्केट में भरोसा दिखा रहे हैं।
  2. लंबी अवधि के लिए SIP या क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश जारी रखें।
  3. ट्रेंड को रोजाना ट्रैक करें, क्योंकि मार्केट फिलहाल सेंसिटिव है।

“जब अपना ही देश अपने बाजार पर भरोसा दिखा रहा है, तो एक स्मार्ट रिटेल निवेशक के तौर पर यह हमें एक पॉजिटिव संकेत देता है। FII भले ही बड़े प्लेयर हों, लेकिन DII की मजबूत खरीदारी घरेलू इकॉनमी की हकीकत को दर्शाती है — भारत पर भरोसा अभी भी ज़िंदा है।

Conclusion:

18 जुलाई का डेटा बताता है कि DII ने मार्केट में मजबूती से कदम रखा है। वहीं FII ने भी हल्का निवेश करके एक बैलेंस्ड अप्रोच दिखाई है। अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं, तो ऐसे समय में धैर्य और सही स्टॉक चयन ही आपकी असली ताकत है।

FII और DII डेटा क्यों ज़रूरी है?

क्योंकि ये बड़े निवेशक हैं, इनकी खरीद-बिक्री से बाजार की दिशा तय होती है।

FII कम और DII ज़्यादा निवेश करें तो क्या मतलब?

इसका मतलब DII को बाजार में भरोसा है, जो रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए पॉजिटिव संकेत है।

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