Share Bazaar Headlines में इस हफ्ते सबसे बड़ा सवाल यह है—क्यों टूट रहा है निवेशकों का भरोसा कुछ खास सेक्टर्स पर? IT सेक्टर की कमजोर कमाई, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बिकवाली, और Jane Street जैसे ग्लोबल प्लेयर्स पर प्रतिबंध जैसी घटनाओं ने बाजार की धारणा को झटका दिया है। साथ ही, CERC के मार्केट कपलिंग जैसे विनियामक बदलावों ने भी स्थिति को और जटिल बना दिया है। आइए इन Share Bazaar Headlines के ज़रिए समझते हैं कि किस सेक्टर में गिरावट आई और इसके पीछे की असली वजह क्या है।
1 बैंकिंग शेयरों में भारी बिकवाली प्रमुख बैंकिंग स्टॉक्स, विशेषकर कोटक महिंद्रा बैंक जैसे दिग्गजों में निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर शेयर बेचे गए। इस बिकवाली ने पूरे बाजार सूचकांकों पर दबाव डाला, जिससे बाजार में गिरावट आई।

2. लगातार FII की बिकवाली विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) भारतीय शेयर बाजार से लगातार पूंजी निकाल रहे थे। उनकी लगातार बिकवाली से बाजार में तरलता कम हुई और गिरावट का दबाव बना रहा।

3. कमजोर एशियाई बाजार संकेत जापान के निक्केई 225 जैसे प्रमुख एशियाई बाजारों से नकारात्मक संकेत मिल रहे थे। इन कमजोर वैश्विक संकेतों ने भारतीय निवेशकों की धारणा को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।

4. बढ़ती कच्चे तेल की कीमतें वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए चिंता का विषय है। बढ़ती तेल कीमतें मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ाती हैं और कंपनियों के मुनाफे पर असर डालती हैं।

5. मजबूत होता अमेरिकी डॉलर अमेरिकी डॉलर सूचकांक में मजबूती देखी गई, जिससे डॉलर अन्य मुद्राओं, विशेषकर रुपये के मुकाबले मजबूत हुआ। एक मजबूत डॉलर आयात को महंगा बनाता है और विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय संपत्तियों का आकर्षण कम करता है।

6. Q1 परिणामों में सकारात्मक आश्चर्य की कमी पहली तिमाही (Q1) के कंपनी परिणामों में कोई बड़ा या उत्साहजनक सकारात्मक आश्चर्य देखने को नहीं मिला। इससे निवेशकों में उत्साह की कमी रही और वे नई खरीदारी से बचे।

7. भारत-अमेरिका व्यापार सौदे की अनिश्चितता भारत और अमेरिका के बीच व्यापार सौदे को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी, जिसमें 1 अगस्त की टैरिफ समय-सीमा भी शामिल थी। इस अनिश्चितता ने बाजार में एक ‘भू-राजनीतिक जोखिम प्रीमियम’ जोड़ा।

8. आईटी क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन आईटी क्षेत्र की कंपनियों को सुस्त विवेकाधीन खर्च और कमजोर ग्राहक बजट (विशेषकर अमेरिका में) का सामना करना पड़ रहा था। इससे आईटी शेयरों पर दबाव बना रहा और सेक्टर का प्रदर्शन कमजोर रहा।

9. विनियामक परिवर्तनों का प्रभाव (Impact of Regulatory Changes e.g., CERC Market Coupling Plan) भारतीय ऊर्जा विनिमय (IEX) के मामले में देखा गया कि CERC के मार्केट कपलिंग प्लान जैसे विनियामक परिवर्तनों ने कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के बावजूद उसके शेयरों में भारी गिरावट ला दी। यह दर्शाता है कि नियामक जोखिम भी बाजार को प्रभावित कर सकते हैं।
कभी-कभी कोई कंपनी अच्छा मुनाफा कमा रही होती है, लेकिन अगर सरकार या नियामक संस्था (जैसे CERC) कोई नया नियम बना दे, तो उस कंपनी के शेयर गिर सकते हैं।

उदाहरण से समझिए:
- IEX (Indian Energy Exchange) एक ऐसी कंपनी है जहाँ बिजली की खरीद-बिक्री होती है।
- CERC (Central Electricity Regulatory Commission) ने एक नया नियम या Market Coupling Plan प्रस्तावित किया, जिसमें सभी पावर एक्सचेंज एक साथ काम करेंगे।
- इससे IEX की मोनोपॉली खत्म हो सकती है, यानी उसे पहले जैसा फायदा नहीं मिलेगा।
- भले ही कंपनी ने अच्छे नतीजे दिए हों, लेकिन इस नियम के डर से निवेशकों ने शेयर बेच दिए, जिससे शेयर प्राइस गिर गया।
मार्केट में सिर्फ कंपनी की कमाई नहीं, बल्कि सरकार के नियम भी शेयर प्राइस को ऊपर-नीचे कर सकते हैं।
10. FII धारणा पर Jane Street प्रतिबंध जैसे कारकों का प्रभाव कुछ विश्लेषकों ने Jane Street प्रतिबंध जैसे विशिष्ट कारकों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की बाजार के प्रति धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया और उनकी बिकवाली को बढ़ावा दिया।

Jane Street प्रतिबंध का मतलब क्या है?
2023–2024 में SEBI (भारतीय नियामक संस्था) ने कुछ विदेशी ट्रेडिंग फर्मों, जैसे कि Jane Street और Tower Research, पर भारत में अनऑथराइज्ड ट्रेडिंग पैटर्न को लेकर जांच शुरू की और कुछ ट्रेडिंग पर रोक लगाई।
इसका FII धारणा (Sentiment) पर क्या असर हुआ?
- FII यानी Foreign Institutional Investors के बीच डर बैठ गया कि:
- भारत में उनके ट्रेडिंग ऑपरेशन को लेकर SEBI सख्त हो रही है।
- कहीं और विदेशी फर्में भी इसी तरह कार्रवाई का शिकार न हो जाएं।
- इस डर की वजह से:
- कई FII ने भारत से पैसा निकालना शुरू कर दिया।
- इससे शेयर बाजार में बिकवाली बढ़ गई और बाज़ार में नकारात्मकता आई।
Jane Street पर SEBI की कार्रवाई ने विदेशी निवेशकों के बीच डर और अनिश्चितता बढ़ा दी। इसलिए उन्होंने बाजार से पैसे निकालना शुरू कर दिया और इससे बाजार में गिरावट आई।
28 जुलाई 2025 को बाजार गिरने का एक मुख्य कारण क्या था?
प्रमुख बैंकिंग शेयरों, खासकर कोटक महिंद्रा बैंक में भारी बिकवाली का दबाव।
भारतीय बाजार में FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) की गतिविधि कैसी रही?
FIIs लगातार भारतीय इक्विटी में बिकवाली कर रहे थे, जिससे बाजार पर नकारात्मक दबाव पड़ा।
वैश्विक बाजारों से भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा?
जापान के निक्केई 225 जैसे कमजोर एशियाई बाजार संकेतों ने भारतीय निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया।
अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ विवाद क्यों होते हैं?
दोनों देश अपने-अपने उद्योगों की रक्षा के लिए कुछ वस्तुओं पर उच्च टैरिफ लगाते हैं, जिससे व्यापारिक मतभेद होते हैं।
क्या टैरिफ हटाने से किसान और छोटे उद्योग प्रभावित होंगे?
हाँ, विदेशी वस्तुओं से प्रतिस्पर्धा बढ़ने पर स्थानीय किसानों और छोटे कारोबारियों को नुकसान हो सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का भारतीय बाजार पर क्या असर हुआ?
बढ़ती कच्चे तेल की कीमतों ने भारत के लिए मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं को बढ़ाया।
अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय बाजार कैसे प्रभावित हुआ?
मजबूत डॉलर ने आयात को महंगा किया और विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय संपत्ति को कम आकर्षक बनाया, जिससे FII निकासी बढ़ी।
Read More
Share Market Update 28 July: Why Did the Market Fall?
Share Market update 26 july 2025:कल बाज़ार क्यों गिरा ?
Disclaimer:
All content shared by STOCK OVERVIEW is purely for educational and informational purposes only. We do not provide any investment advice or stock recommendations. Please consult a SEBI-registered financial advisor before making any trading or investment decisions. This content is created solely to help and guide you with market awareness. STOCK OVERVIEW will not be held responsible for any financial gains or losses arising from the use of this information.

Welcome to Stock Overview! Expand your knowledge about the stock market and invest smarter. I started this channel to help everyone understand the basics of the stock market. When you meet a SEBI-registered advisor or a mutual fund distributor, you should be able to understand their suggestions clearly. This is only possible when you’ve done your minimum homework from your side. My goal is to empower you to make informed financial decisions confidently.
Contents
- 1 28 जुलाई 2025 को बाजार गिरने का एक मुख्य कारण क्या था?
- 2 भारतीय बाजार में FII (विदेशी संस्थागत निवेशक) की गतिविधि कैसी रही?
- 3 वैश्विक बाजारों से भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ा?
- 4 अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ विवाद क्यों होते हैं?
- 5 क्या टैरिफ हटाने से किसान और छोटे उद्योग प्रभावित होंगे?
- 6 कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का भारतीय बाजार पर क्या असर हुआ?
- 7 अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने से भारतीय बाजार कैसे प्रभावित हुआ?